लेख :: अंत का दृश्य और अदृश्य : अंचित नींद के तंग आकाशों की जमी हुई गर्द…
कविताएँ :: गोलेन्द्र पटेल जोंक रोपनी जब करते हैं कर्षित किसान; तब रक्त चूसते हैं जोंक! चूहे…
लेख :: अंत का दृश्य और अदृश्य : अंचित सब जानते हैं पासों का पलटना तय है…
पाठ :: प्रभात प्रणीत हमारे दर्शन, यथार्थ और स्वप्न स्वाभाविक तौर पर हमें, हमारी मनःस्थिति को अपने…
चार्ल्स बुकोविस्की की कविताएँ : अनुवाद एवं प्रस्तुति : तनुज 16 अगस्त 1920 को मशहूर अमेरिकी-जर्मन कवि…
Poems :: Priya Priyadarshni Lost Life was lingering like a lost river. Through the dense forest. Inadequately,…
Poems :: Shristi 1. I eloped every morning from a life of uncountable days, To count a…
Poems :: Smriti Choudhary god and Revenge god, I will not capitalize G. You don’t deserve that….
कविता : रवींद्रनाथ ठाकुर बांग्ला से अनुवाद : तनुज पद्यों का एक आयुधागार जीवन की व्यस्तता और…
कहानी :: श्रीविलास सिंह सड़क दूर-दूर तक सुनसान थी। किसी आदमी का कहीं कोई नामो-निशान नहीं। सन्नाटा…