Arun Kamal

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अब तक पाँच कविता संग्रह -अपनी केवल धार,सबूत, नये इलाके में, पुतली में संसार, मैं वो शंख महाशंख- प्रकाशित।छठा शीघ्र प्रकाश्य।तीन चयन भी प्रकाशित- पचास कविताएँ, कवि ने कहा, तथा प्रतिनिधि कविताएँ। आलोचनात्मक लेखों के दो संकलन-

कविता और समय, तथा गोलमेज- भी प्रकाशित। साक्षात्कारों की एक किताब – कथोपकथन- भी छपी।एक आत्मकथात्मक वृत्तांत ‘अर्थात औरों की कथा’ एवं एक काव्य-प्रहसन ‘ जो रे जमाना’ भी छपे।समाचार पत्रों में छपे स्तम्भ-लेखों की एक जिल्द ‘कतरन’ नाम से आने वाली है। समकालीन भारतीय कविता के अँग्रेजी अनुवादों की एक पुस्तक ‘वायसेज’ प्रकाशित।कवि शमशेर, नागार्जुन ,त्रिलोचन, मुक्तिबोध ,केदारनाथ सिंह की कविताओं के अँग्रेजी अनुवाद भी छपे। अनेक देशी विदेशी कवियों की कविताएँ अनूदित जिनमें मायकोव्स्की की आत्मकथा तथा तो हू का एक संकलन भी प्रकाशित।

‘आलोचना’ पत्रिका के कुल तीस अंकों का नामवर सिंह के प्रधान संपादकत्व में संपादन किया।

साहित्य अकादेमी, दिल्ली;भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला की सामान्य परिषद तथा केंद्रीय हिंदी संस्थान,आगरा की कार्यसमिति के सदस्य रहे। हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के साहित्य मंत्री भी रहे।

कविता के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। ‘नये इलाके में’ कविता पुस्तक के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार(१९९८)।

समग्र कृतित्व के लिए भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता का सर्वोच्च सम्मान (२०१५)।सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड (१९८९) भी प्राप्त।

देश विदेश की अनेक संगोष्ठियों में भागीदारी और इस क्रम में रूस,कांगो,इंग्लैंड ,दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान,म्यांमार ,चीन,

पेरू और क्यूबा में सम्मिलित।

अभी पटना विश्वविद्यालय में अँग्रेजी के शिक्षक।

 

Link – https://www.rajkamalprakashan.com/arun+kamal

Apni-Keval-Dhar-Arun-Kamal/

http://kavitakosh.org/kk/Arun-kamal


 

 

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