
आलेख :: बड़े प्रश्न १ : अंचित जंब्रा की एक मज़ेदार किताब दोबारा पढ़ रहा इन दिनों। और बेकन को याद करते हुए यह कह दूँ कि धीमे-धीमे चुभलाते हुए। कभी-कभी दो दिनों तक भी उस किताब तक नहीं लौट पाता। ऐसे में किसी ने कहा कि मुझे ‘निर्मल पाठक की घर वापसी’ देख लेनी चाहिए और इस ताकीद के साथ कि पाँच एपिसोड हैं और यह कि पसंद आएगी। निर्मल का नाम निर्मल इसीलिए है कि उसके पिता जी को निर्मल वर्मा की...