CategoryInterviews

सही कविता नैतिकता को कटघरे में खड़ा करती है

साक्षात्कार :: कृष्ण कल्पित हिंदी के जाने-माने कवि हैं। हाल ही के दिनों में उनका एक कविता-संग्रह “रेख़्ते के बीज” राजकमल प्रकाशन से आया है। इंद्रधनुष के प्रधान सम्पादक अंचित ने कृष्ण कल्पित के साथ ये छोटी सी बातचीत की है। १. ‘बाज़दफ़ा पॉलिटिकली इनकरेक्ट‘ – इसी से शुरू करते हैं। यह किसी काउंसियस थॉट प्रॉसेस के तहत होता है या किसी का रिजेक्शन? पोलिटिकली करेक्ट। यह मार्क्सवादी...

कवि भाषा को धार देता है

साक्षात्कार :: अरुण कमल से विश्वजीत सेन कविता के साथ ‘साम्यवाद’ विचारधारा को देखने के पीछे कोई अंतर्निहित कारण है क्या ? जहां मैं समझता हूँ ‘साम्य’ शब्द एक राजनैतिक अर्थ रखता है. फ्रांस की क्रांति के साथ यह शब्द व्यवहार में आना शुरू करता है और इसका व्यापक प्रचार सोवियत संघ की क्रांति और अन्यान्य क्रांतिकारी आंदोलनों के साथ होता है. अतएव ‘साम्यवाद’ के आदर्शों के...