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आते हुए लोगों के लिए
हमारा होना हमारे होने के प्रयोजनों में निहित है. इंद्र्धनुष के होने में निहित प्रयोजनों में एक आते हुए लोगों के लिए दोस्त बनना भी है. जर्नल में ख़ास तौर पर नए लोगों के लिए एक स्पेस होगा, यह बात हमेशा से तय थी बल्कि इंद्रधनुष के होने के पहले से. इसी को ध्यान में रखते हुए यह पोस्ट ख़ास उनलोगों के लिए है जो अभी थोड़ा हिचके हुए से हैं, जो थोड़ा असहज महसूस करते हैं. हमलोग आपलोगों के साथ चलना चाहते हैं. आदमी होने का भी तो इतना ही प्रयोजन है. अपना लिखा हुआ हमें भेजिए – पेज पर इन्बाक्स करिए या editor.indrdhanush@gmail.com पर मेल कर दीजिए. अगर और कुछ बात करनी हो तो भी करिए. हम रास्ते बनाते,उनपर साथ चलते रहें.