
नए रास्ते :: साहित्य और कोरोनाकाल : अंचित कोरोना और साहित्य के सम्बन्ध में कुछ सीधा कहने और बोलने से बचता रहा था अभी तक. इधर सत्यम ने अपने चैनल के लिए कुछ बोलने की बात की तो मुझको लगा कि थोड़ी बात करनी चाहिए और यह लेख उसी बातचीत के बाद, प्रभात भाई के कहे अनुसार लिख रहा हूँ. जैसा बातचीत में कहा था, बहुत सारे डिस्क्लेमरों के साथ बात करूँगा और जो थोड़ा-बहुत इन दिनों पढ़ता रहा, उसको सिलसिलेवार ढंग से...