लेख:: सोने की चिड़िया : प्रभात रंजन प्रणीत हमारे देश को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था, क्या सच में ऐसा था? क्या सच में कभी यह देश इतना विकसित और समृद्ध था कि पूरी दुनिया हम पर रश्क करती थी? इतिहासकार यदि ऐसा मानते हैं तो ऐसा होगा ही. मैं इतिहासकारों के ज्ञान पर संदेह नहीं कर रहा पर आज इस देश की स्थिति को देखकर सहसा किसी को भी इस पर विश्वास करने में एकबारगी दिक्कत तो होगी ही. सोने की चिड़िया...
सच्चाई यही है कि हमाम में सभी नंगे हैं
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