परिचय
इंद्रधनुष एक वेब पत्रिका है, कविताओं, कहानियों, आलेख, अनुवादों से बनी हुई। यह एक बहुभाषी पत्रिका है, जहाँ हिंदी के साथ-साथ अंग्रेज़ी, मैथिली, भोजपुरी, मगही आदि भाषाओं में निरंतर प्रकाशन होता रहा है। 01 सितंबर, 2018 से शुरू हुई इस यात्रा में हमारा विशेष ज़ोर और आग्रह नए एवं अलग की तरफ़ है। इस तरफ़ कि यथास्थितिवाद से जूझती और एक तरफ़ झुकती जाती हुई साहित्यिक और सामाजिक दुनिया को सीधा करने, देखने, बरतने, दर्ज करने की कोशिश करती जाती रही। वैचारिक आलेखों और साहित्यिक शैलियों में एक जनोन्मुख विचारधारा को बरतना भी हमारे संघर्षों और प्रयत्नों में शामिल है।
इस नवउदारवादी समय में जब संवेदना एक अचरज भरा शब्द है, जब उजाड़ और दोहराव हमारी दिनचर्या का हस्ताक्षर बन चुका है, जब दो मिनट ठहरना और सोचना हमारी जीवनशैलियों से ग़ायब हो रहा है, इंद्रधनुष चाहता रहा है कि एक ऐसी जगह का निर्माण हो जहाँ अब कम दिखाई देने वाली विचार शैली, जीवन शैली झलके और इत्मीनान कर सके। मनुष्य-केंद्रित समझ को लगातार हाशिए पर धकलते हुए, यांत्रिक पद्धतियों, उत्तरमानववाद आदि पर जब एकपक्षीय आख्यान मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं, मनुष्यता के बीच में लौटने की ज़रूरत भी समझ आती है। यह भी हमारी कोशिशों में शामिल है।
इन वर्षों में इन्द्रधनुष पर बदस्तूर नए कवियों, लेखकों का काम प्रकाशित हुआ है। इनमें से कुछ युवा अनुवादकों ने हिंदी में ऐसे विरले अनुवाद मुमकिन किए हैं जिनका कोई पूर्व पता मुख्यधारा में नहीं है।
स्त्री-विमर्श से संबंधित कुछ ऐसे भी काम यहाँ स्त्री लेखकों ने संभव किए हैं जो बदलती हुई दुनिया में लगातार प्रासंगिक होते जा रहे हैं। मैथिली और भोजपुरी के कुछ ज़रूरी समकालीन लेखक, कवि यहाँ मौजूद हैं। आगे भी इंद्रधनुष की यही कोशिश रहेगी कि नए के रोमांच, उसकी उम्मीद और उसकी प्रत्याशा को लगातार जगह दे सके और विमर्श के विकसित होते प्रतिमानों, और विचार-प्रक्रिया को स्थान दे सके।
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