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इंद्रधनुष
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कविता कथेतर नए पत्ते अनुवाद English Literature विश्व कविता

इस क्रूर, पूँजीवादी समाज के सवाल तक

फ़रवरी 26, 2023

नए पत्ते:: कविताएँ: सार्थक दीक्षित राष्ट्रीय प्रवक्ता  वो सबसे अधिक जानकारी रखने वाले लोग थे उन्हें मालूम…

कविता
इंद्रधनुष

प्रेम स्मृतियों का बैकअप है

फ़रवरी 23, 2023

नए पत्ते:: कविताएँ: केतन यादव   बैकअप स्मृतियाँ तुम्हारे प्रेम की क्षतिपूर्ति स्वरूप मिलीं जो तुम्हारे होने…

कविता
इंद्रधनुष

समय कविताओं को जीवित रखता है

फ़रवरी 22, 2023

नए पत्ते:: कविताएँ: नीरज   वसंत अभागों को प्रेम होता है— पतझड़ में उनकी ओर ईश्वर लौटते…

कविता
इंद्रधनुष

तुम्हारे साथ के कारण शब्द आ गए हैं मेरे पास

फ़रवरी 20, 2023

नए पत्ते:: कविताएँ: अनिकेत कुमार   मौन और तुम्हारे शब्द का साथ रात हो चुकी है, मन…

नए पत्ते
इंद्रधनुष

अपने तरीके से लड़ते आदमी की शक्ल

फ़रवरी 7, 2023

लेख:: संजय कुंदन   मंगलेश डबराल ने अपनी कविताओं में अमानवीयता के विरुद्ध एक साधारण मनुष्य के…

कथेतर
इंद्रधनुष
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कविता-भित्ति

मरा हूँ हज़ार मरण

अगस्त 20, 2023

सब जीवन बीता जाता है

अगस्त 13, 2023

आशाओं से भरे हृदय भी छिन्न हुए हैं

जुलाई 2, 2023

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इंद्रधनुष

इंद्रधनुष

साहित्य के सब रंग

समाज में तेज़ी से विविधताओं और प्रतिरोध की विभिन्न संस्कृतियों पर हमले बढ़े हैं और साहित्य समेत सभी कलाओं पर राजसत्ता का प्रभाव क़ाबिज़ होता जा रहा है। जो स्वीकृति का तिरस्कार करता है उसे मिटा दिया जाता है। ऐसे में सच को सच की तरह कहना, संस्कृतियों के भीतर मौजूद अंतर्विरोधों को व्यापक रूप से समझना-देखना और शोषक तंत्रों की कारगुज़ारियों को साहित्यिक अन्वेषणों से उजागर करना और इन तंत्रों की मनमानियों की आलोचना ही इंद्रधनुष का उद्देश्य है। दर्ज करना और याद रखना।


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