Poems :: Himanshu Ranjan An Itch On The Acnestis Drowned in the dead sea of memories, half…
कविताएँ :: रोहित ठाकुर 1). एकांत में उदास औरत एक उदास औरत चाहती है पानी का पर्दा…
प्रतिसंसार:: पत्र : आदित्य शुक्ल [प्रियम्] प्रियम्बदा, खतों का ज़माना तो कब का गुजर चुका है. ये ख़त…
मैथिली कथा :: पाँच पत्र : हरिमोहन झा (१) दड़िभंगा १-१-१९ प्रियतमे अहाँक लिखल चारि पाँती चारि…
समीक्षा:: प्रभात मिलिंद ‘आँखें सूजी/चेहरा पानी था/वज़ूद था कि एक ज़र्बज़दा बूँद/मैंने रोने की तमाम वज़हें दी …
प्रतिसंसार:: पत्र : आदित्य शुक्ल [प्रियम्बदा.] ____________ सितम्बर का महीना. एक भारी बारिश का दिन. मेरे स्कूल…
POEM:: SHRISTI THAKUR HOME 1. They fake their eyes and leave the premises, And I search for…
प्रतिसंसार:: पत्र : आदित्य शुक्ल [प्रिय प्रियंबदा.] ____________________ विदाई की भी तो एक रस्म होती है. हमारे…