कविता ::
सूचना : डेविड इग्नातोव
अनुवाद, स्वर एवं प्रस्तुति : यादवेन्द्र

डेविड इग्नातोव | तस्वीर साभार : Poeticos.com

निजी अनुभूतियों की तुलना में सामूहिक खुशियों, क्रोध और हताशाओं को स्वर देने वाले कवि डेविड इग्नातोव (अमेरिका,1914-1997) रूस से विस्थापित माता पिता की संतान थे और जीविका के लिए बुक बाइंडर, अखबार विक्रेता, सब्जी बाजार और अस्पताल के क्लर्क का श्रमसाध्य काम करते हुए साहित्य के प्रोफेसर और पोएट्री सोसायटी ऑफ अमेरिका के अध्यक्ष तक पहुंचे। वे कविता में विषयवस्तु को ज्यादा महत्व देते थे और भाषा के विषयवस्तु के मुकाबले ज्यादा उत्थित (एलिवेटेड) रखने की प्रवृत्ति से इत्तेफाक नहीं रखते थे। उन्होंने 27 किताबों के लेखक या संपादक के तौर पर भरपूर प्रतिष्ठा पाई और उन्हें अमेरिका के साहित्य के बड़े पुरस्कार मिले।
— यादवेन्द्र

सूचना

इस पेड़ में बीस लाख पिछत्तर हजार पत्तियां हैं— हो सकता है गिनने में मुझसे एक या दो पत्तियां छूट गई हों लेकिन यह मैं अपनी उपलब्धि मानता हूं कि मैंने अपने हाथ से एक एक टहनी पकड़ कर पत्तियों की गिनती की, पेंसिल से कागज पर उनकी संख्या लिखी और अंत में  उन्हें जोड़ कर टोटल किया।
इन सारेे अंकों को जोड़ने का एक अलग आनंद था जो सिर्फ मैं समझ सकता हूं। मैंने यह करते हुए महसूस किया कि ऐसा काम कर पाया जो किसी पर निर्भर नहीं था और मुझे यह समझ आया कि पत्तियों को गिनना आसमान के तारों को गिनने से कतई कम नहीं था, जिन्हें खगोल शास्त्री हमेशा से गिनते रहे हैं।
उनकी कोशिश रहती है कि जो वे बताएं वह सबके लिए अकाट्य हो। ऐसा होने से ही उन्हें पता चलेगा कि विश्व नियत और परिमित(फाइनाइट) है या नहीं। मैंने एक ऐसा पेड़ ढूंढ़ निकाला जो पूर्णतया नियत और परिमित (फाइनाइट) है। अब मुझे अपने सिर के बालों को भी एक-एक कर गिनना चाहिए— मैं ही क्यों, आप भी ऐसा ही करिए। इसके बाद हम दोनों अपनी सूचनाओं की अदला-बदली कर लेंगे। ■

यादवेन्द्र

यादवेन्द्र प्रख्यात एवं कुशल अनुवादक, साहित्यकार हैं। उनसे yapandey@gmail.com  पर बात हो सकती है।