कविताएँ : शक्ति चट्टोपाध्याय
अनुवाद : अंचित
ख़त
तुमने घर छोड़ दिया है
क्योंकि मेरा ख़त तो लौट आया है.
तुम वहाँ नहीं हो और एक जंग लगे ताले के साथ
घर खड़ा है.
संदेशवाहक ख़त वापस ले आया –
क्योंकि तुम चली गयी.
तुमने ज़रूर कोई दूसरा घर खोज लिया होगा सही क़ीमत पर.
पता भेजो, कितने कमरे हैं?
रौशनी ठीक आती है?
क्या तुमने बरामदे में पौधे रखे हैं?
क्या वे बढ़ रहे हैं?
मुझे सब बताओ,
एक ख़त लिखो सब अपनी मुड़ी –तुड़ी लिखावट में.
वह वापस नहीं लौटेगा.
मैं ज़िंदा हूँ.
पुराना नया दुःख
मैं आज अपने पुराने दुःख से कहूँगा
कि वह मुझसे मिलने आए
मैं यहाँ बैठा हूँ,
यहाँ थोड़ी छाया है.
अगर दुःख मेरे पास बैठा तो मुझे अच्छा लगेगा.
मैं सोचता हूँ कि मैं अपने नए दुःख से कहूँगा –
चले जाओ , थोड़ा घूम आओ किसी और ख़ुशी के बगीचे में, फूल बर्बाद करो
हरे पत्तों को आग लगा दो, उस जगह को तहस–नहस कर दो.
कुछ देर में जब थक जाओ, तब वापस आकर मेरे पास बैठो.
लेकिन अभी, मेरे पुराने दुःख के लिए थोड़ी जगह रहने दो.
वह कई बगीचों और घरों में रहा है, उन्हें बर्बाद किया, जलाया है.
अभी वह मेरे पास बैठना चाहता है. कुछ दिन रहने दो यहीं.
उसे शांति पाने दो. और साथ. फिर आना.
बाद में आना, मेरे नए दुःख.
शक्ति चट्टोपाध्याय बांग्ला के जाने-माने कवि हैं. प्रकृति और उसके संदर्भ में मौजूद संकटों को अपनी कविताओं में प्रमुखता से स्थान देने वाले शक्ति चट्टोपाध्याय की कविताओं में ग्रामीण जीवन यथास्थिति प्रदर्शित होता है. अंचित कवि हैं और उनसे anchitthepoet@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.