
आलेख :: संजय कुंदन मंगलेश डबराल ने अपनी कविताओं में अमानवीयता के विरुद्ध एक साधारण मनुष्य के संघर्ष को चित्रित किया। रघुवीर सहाय ने उनकी कविताओं के बारे में लिखा है, “उनकी कविताएं…अपने ही तरीके से लड़ते हुए आदमी की शक्ल दिखलाती हैं। वह खड़े होने भर की जगह में खड़ा हुआ है और उसके साथ है शायद हल्का-सा कोई रंग या शायद उम्मीद या शायद एक मैदान या अंधेरा। ये ही चीज़ें उसके संघर्ष को …अर्थ देती हैं...