स्त्री-संसार ::
वर्जिनिया वुल्फ़ के कुछ उद्धरण :
चयन, अनुवाद एवं प्रस्तुति : सृष्टि
एक स्त्री होने के नाते मेरा कोई देश नहीं। एक स्त्री होने के नाते मुझे कोई देश नहीं चाहिए। एक स्त्री होने के नाते ये पूरी दुनिया मेरा देश है।
जब तक एक स्त्री, एक पुरुष के बारे में सोच रही होती है, तब तक उसकी सोच पर कोई रोक नहीं लगाता।
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एक स्त्री के पास अपने पैसे और अपना एक कमरा होना ही चाहिए अगर उसे कहानीकार बनना है।
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एक स्त्री अच्छी तरह जानती है कि अगर कोई बुद्धिमान उसे अपनी कविता भेजता है, उसके निर्णय की तारीफ़ करता है, उससे आलोचना मांगता है, और उसकी चाय पीता है इसका ये बिल्कुल मतलब नहीं है कि वो उसके फैसले का सम्मान करता है, या उसकी समझ को सराहता है।
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एक कवि ने कहा कि, एक स्त्री का पूरा वज़ूद ही प्यार से है।
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इतिहास में लिखी गई ज्यादातर गुमनाम कृतियां किसी स्त्री की हैं।
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मैं अपने मूल से जुड़ी हुई हूँ, पर मैं बहती भी हूँ।
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स्त्रियों ने सदियों से पुरुषों के लिए एक ऐसे चश्मे की तरह काम किया है, जिसमें एक जादुई और सुखद शक्ति है कि वो पुरुषों की आकृति को उसके सामान्य आकार से दुगुना बढ़ाकर कर दिखाए।
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सच तो ये है कि मुझे अक्सर स्त्रियां पसंद आती हैं। मुझे उनकी अपरंपरागतता पसंद है। मुझे उनकी गुमनामी पसंद है।
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उसने कहा कि वो एक किताब लिखना चाहता है, खामोशी के बारे में, उन चीजों के बारे में जो लोग कह नहीं पाते।
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कितनी बार लोगों ने पेन या पेंटब्रश का ईस्तेमाल किया है, सिर्फ़ इसलिए क्योंकि वो गोली नहीं चला पाए?
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पुरुषों का इतिहास जो कि स्त्रियों की आज़ादी के विरोध में है, वो स्त्रियों की आज़ादी की कहानी से भी ज्यादा दिलचस्प है।
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मुझे पुरुष के दृष्टिकोण से नफरत है। मैं ऊब गई हूँ उनकी वीरता, ख़ूबी और सम्मान से। मुझे लगता है कि सबसे अच्छा यही होगा कि अब वो अपने बारे में बात ना करे।
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सृष्टि कवि-अनुवादक हैं। उनसे shristithakur94@gmail.com पर बात हो सकती है। स्त्री-संसार से सम्बद्ध अन्य प्रविष्टियों के लिए यहाँ देखें : स्त्री-संसार