
कविता :: वायलिनें : महमूद दरवेश अनुवाद : अंचित महमूद दरवेश किसी परिचय के मोहताज नहीं है. हिंदी में उनकी कई कविताएँ पहले ही अनूदित हैं. एड्वर्ड सईद पर लिखी उनकी लम्बी कविता जलसा में छपी थी. समय समय पर अन्य अनुवादक भी उनकी कविताओं का अनुवाद करते रहे हैं. फ़िलिस्तीनी कविताओं पर काम करते हुए, रामकृष्ण पांडेय ने भी उनकी कई कविताओं का अनुवाद किया था. इस कविता का अनुवाद आगा शाहिद अली के अंग्रेज़ी अनुवाद...