कहानी:: जुलिओ कोर्टाज़ार अंग्रेजी से अनुवाद: श्रीविलास सिंह हमें मकान पसंद था, पुराना और काफी खुला होने…
कहानी
कहानी:: ज़ोहरा सईद अनुवाद: श्रीविलास सिंह जब मैं दस साल की थी, मेरी ही उम्र की…
कहानी:: फ्रांज़ काफ़्का हिंदी अनुवाद: श्रीविलास सिंह ऐसा लगता है कि हमारे देश की सुरक्षा व्यवस्था में…
कहानी :: सौरभ पाण्डेय 1 मैं पेंसिल की लकीरों में छुपा हुआ पापा का पुराना चेहरा देख…
कहानी :: परवीन फैज़ जादा मलाल अनुवाद और प्रस्तुति : श्रीविलास सिंह “यह पूरे चार किलो है।”…
कहानी :: श्रीविलास सिंह सड़क दूर-दूर तक सुनसान थी। किसी आदमी का कहीं कोई नामो-निशान नहीं। सन्नाटा…
कहानी :: निशांत पचखा जेठ की सुबह कुछ ऐसी होती थी कि पूरा गाँव एकसाथ जागकर अपनी-अपनी…
कहानी :: चक्र : जोर्ग लूई बोर्हेस अनुवाद और प्रस्तुति : श्रीविलास सिंह जोर्ग फ़्रांसिस्को इसिडोरो लुइस…
कोरोना साहित्य :: कहानी : फणीश्वर नाथ रेणु महामारी में साहित्य को देखने-समझने-पढ़ने के कॉंटेक्स्ट काफ़ी बदले…
कहानी :: मकान : डॉ. लवलेश दत्त “ठाकुरदास…ओ ठाकुरदास…” अन्दर आते हुए डाकिये की आवाज़ ने अमरावती…