
कविता-भित्ति :: प्रेम : ठाकुर गोपालशरण सिंह ठाकुर गोपालशरण सिंह (01 जनवरी 1891 – 02 अक्तूबर 1960) का जन्म रीवा, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनकी गणना द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवियों में की जाती है। मानवी (1938), माधवी (1938), ज्योतिष्मती (1938), संचिता (1939), सुमना(1941), सागरिका(1944), ग्रामिका (1951) आदि उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने कुछ प्रबंध-काव्यों की भी रचना की, जैसे...