POEM:: SHRISTI THAKUR HOME 1. They fake their eyes and leave the premises, And I search for…
कविता
कविताएँ :: मोहन कुमार झा सही-गलत अगर मैं गलत होता, तो अब तक जरुर ख़त्म हो गया…
कविता : तारानन्द वियोगी मैथिली से अनुवाद : अविनाश छूटना मुझे खेद है कि मैं आपके साँचे पर…
कविताएँ:: पंखुड़ी सिन्हा फसलों का मालिक एक अजीब बात है खेती के सम्बन्ध में. जैसे नितांत अपरिचित…
कुछ भोजपुरी कविता :: संतोष पटेल अच्छा दिन केने बा ? अच्छा दिन केने बा ? केहू…
श्वेत रव :: कविता : अपर्णा अनेकवर्णा वरिष्ठ चित्रकार अखिलेश जी के आदिवासी कलाकार जनगढ़ पर लिखे…
Poem :: Raushan Shridhar They can’t be harmed Sun cannot un-colour them, Who colour our land. All…
कविताएँ :: गायक : शहंशाह आलम (१). मैं बादलों के बताए हुए रास्तों पर चलकर सुबह की…
कविताएँ :: राजेश कमल प्रेम कबूतरों वाला ज़माना गया प्रेम फिर भी बचा रहा ज़माना तो संदेशियों…
Poem :: Upanshu of the bygone days i do not remember much only that the leaves were…