
गद्यांश :: प्रेमचंद प्रेमचंद के बेटे अमृतराय द्वारा लिखी गई अपने पिता की जीवनी बहुत सुंदर और सुपाठ्य है, जिसको पढ़कर हमें मुंशीजी के बचपन और फिर समूचे जीवन में झाँकने का सुअवसर मिलता है। प्रेमचंद का जीवन उनकी लिखी दास्तानों की ही तरह मर्मस्पर्शी वृतांतों और मनुष्यता की गहराइयों से भरा हुआ है। प्रेमचंद के जीवन में झाँकना, आदमी के आईने में ताकने जैसा है, जिससे इस आधुनिक समय में बिखरते हुए नैतिक...