नए पत्ते:: ऋतु त्यागी की कविताएँ: ठगों की सभा और उसकी पीठ ठगों की सभा में वह…
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‘मेरा दागिस्तान’ से कुछ उद्धरण :: प्रस्तुति :: स्मृति चौधरी रसूल हमजातोव ने कहा था “कविगण इसलिए…
REVISITING CLASSICS :: SMRITI CHOUDHARY In the first two parts of the manifesto, Marx presents his concepts…
Book Review :: Smriti Choudhary In an interview in 1991, when asked where did the urge to…
BOOK review:: Invisible Cities by Italo Calvino : Smriti Choudhary “Of all tasks, describing the contents of a…
कविताएँ :: विष्णु पाठक जाड़े की रात दिन भर का थका किसान कंधे से बंदूक हटा लेट गया…
कविताएँ :: सूरज सरस्वती प्रेमाक्षर कितनी ध्वनियां कण्ठ से निकलने से पूर्व ही विलुप्त हो गयीं कितने…
POEM:: SHRISTI THAKUR HOME 1. They fake their eyes and leave the premises, And I search for…
कविताएँ :: मोहन कुमार झा सही-गलत अगर मैं गलत होता, तो अब तक जरुर ख़त्म हो गया…
Poem :: Raushan Shridhar They can’t be harmed Sun cannot un-colour them, Who colour our land. All…