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इंद्रधनुष
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उसके घर रास्ते बीच मदार के फूल आते हैं 

मार्च 19, 2025
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कविताएँ ::
आमिर हमज़ा

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हम सिर्फ़ अपने खालीपन से भरे हुए थे

फ़रवरी 9, 2025
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कविताएँ :
प्रिया प्रियदर्शिनी

कवितानए पत्ते
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मैं उस लोक के भीतर का आदमी हूँ

फ़रवरी 4, 2025
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बातचीत ::
कवि अजेय से स्मृति

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इंद्रधनुष
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किसकी भाषा

जनवरी 12, 2025
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आलेख::
उपांशु

कथेतर
इंद्रधनुष
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कवि का उचित अनुसरण करें

जनवरी 1, 2025
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कविताएँ:डब्ल्यू. एच. ऑडेन
अनुवाद एवं प्रस्तुति: उमंग

अनुवादविश्व कविता
इंद्रधनुष
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विश्व कविता

कवि का उचित अनुसरण करें

जनवरी 1, 2025

हम सपनों के अंत तक पहुँच रहे हैं

अगस्त 14, 2024

जो खो गया उसे मापा नहीं जा सकता

जून 14, 2024

घर शार्क का मुँह है

नवम्बर 23, 2023

बिना निर्वासन के मैं कौन हूँ?

नवम्बर 13, 2023

कुंजियाँ

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यूट्यूब पर

राजेश कमल सुचर्चित कवि हैं। 'अस्वीकार से बनी काया' शीर्षक से उनका एक काव्य-संग्रह प्रकाशित-प्रशंसित है। इंद्रधनुष की इस प्रस्तुति में यहाँ उनकी तीन कविताएँ (१. जयंती २. मेरा नायक ३. ईश्वर) कवि के स्वर में प्रस्तुत है।
राजेश कमल की कविताएँ | Rajesh Kamal
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कविता-भित्ति

मरा हूँ हज़ार मरण

अगस्त 20, 2023

सब जीवन बीता जाता है

अगस्त 13, 2023

आशाओं से भरे हृदय भी छिन्न हुए हैं

जुलाई 2, 2023

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इंद्रधनुष

इंद्रधनुष

साहित्य के सब रंग

समाज में तेज़ी से विविधताओं और प्रतिरोध की विभिन्न संस्कृतियों पर हमले बढ़े हैं और साहित्य समेत सभी कलाओं पर राजसत्ता का प्रभाव क़ाबिज़ होता जा रहा है। जो स्वीकृति का तिरस्कार करता है उसे मिटा दिया जाता है। ऐसे में सच को सच की तरह कहना, संस्कृतियों के भीतर मौजूद अंतर्विरोधों को व्यापक रूप से समझना-देखना और शोषक तंत्रों की कारगुज़ारियों को साहित्यिक अन्वेषणों से उजागर करना और इन तंत्रों की मनमानियों की आलोचना ही इंद्रधनुष का उद्देश्य है। दर्ज करना और याद रखना।


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